• भारत में सुरक्षा की श्रेणी खतरे के स्तर के साथ-साथ रसूख भी मानी जाती है।
  • केंद्रीय गृह मंत्रालय, इंटेलीजेंस ब्यूरो मतलब आईबी, की सिफारिश पर हर साल विशिष्ट लोगों की सुरक्षा की समीक्षा करता है।
  • खतरे के स्तर को देखते हुए विशिष्ट और अति विशिष्ट लोगों को विभिन्न स्तर की सुरक्षा दी जाती है।
  • देश में वीआईपी सुरक्षा को ध्यान में रखकर उन्हें अलग-अलग श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है।
  • सरकार के पास यह निर्णय लेने का अधिकार होता है कि वह बड़े नेताओं और अधिकारियों को किस प्रकार की सुरक्षा देगी।
  • भारत में सुरक्षा व्यवस्था को अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। इसमें एसपीजी सुरक्षा, Z प्लस, Z, Y और X श्रेणी शामिल है।
  • खतरे के आधार पर वीआईपी सुरक्षा -राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, नौकरशाह, जज, बिजनेसमैन, क्रिकेटर, फिल्मी कलाकार या आम नागरिकों को मुहैया कराई जाती है।

 

  • एसपीजी सुरक्षा - एसपीजी यानि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप. इस श्रेणी की  सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिजनों को ही दी जाती है। लेकिन पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए यह सुरक्षा केवल छह महीने तक रहती है। एसपीजी में देश के सबसे जांबाज सिपाही शामिल होते हैं। एसपीजी 2 जून, 1988 में भारत की संसद के एक अधिनियम द्वारा बनाया गया था। इसमें शामिल जवानों का चयन पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स  यानि की (बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, सीआरपीएफ) से किया जाता है।

 

  • Z प्लस श्रेणी: ये भारत की दुसरे नंबर की सर्वोच्च सुरक्षा श्रेणी है। इस श्रेणी में संबंधित विशिष्ट व्यक्ति की सुरक्षा में 36 जवान होते हैं। इसमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो के साथ दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो और राज्य के पुलिसकर्मी शामिल होते हैं। हर कमांडो मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध करने की कला में माहिर होता है। सुरक्षा में लगे एनएसजी कमांडो के पास एमपी 5 मशीनगन के साथ आधुनिक संचार उपकरण भी होता है। इसके अलावा इनके काफिले में एक जैमर गाड़ी भी होती है जो मोबाइल सिग्नल जाम करने का काम करती है। देश में चुनिंदा लोगों को ही z प्लस की सुरक्षा प्राप्त है।

 

  • z श्रेणी: z श्रेणी की सुरक्षा में चार से पांच एनएसजी कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षागार्ड तैनात होते हैं। इसमें दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो व स्थानीय पुलिसकर्मी भी शामिल होते हैं।

 

  • Y श्रेणी: कम खतरे वाले लोगों को यह सुरक्षा दी जाती है। इसमें कुल 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। जिसमें दो पीएसओ मतलब निजी सुरक्षागार्ड और एक या दो कमांडो तैनात होते हैं। देश में सबसे ज्यादा लोगों को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।

 

  • X श्रेणी: इस श्रेणी में दो सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं। जिसमें एक पीएसओ यानि की (व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी) होता है। देश में काफी लोगों को एक्स श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है। इस सुरक्षा में कोई कमांडो शामिल नहीं होता।